31 मई 2025 को भारत में कोविड-19 के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 3,395 हो गई। लाइवमिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में चार लोगों की कोविड से मौत हुई, जिनमें दिल्ली की एक 60 वर्षीय महिला भी शामिल थी। सबसे ज्यादा मामले केरल (1,336), महाराष्ट्र, और दिल्ली में हैं। हिंदुस्तान टाइम्स ने बताया कि महाराष्ट्र में 68 नए मामले दर्ज हुए, जिससे वहां सक्रिय केस 467 हो गए। स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ज्यादातर मरीजों में हल्के लक्षण हैं और वे घर पर ही इलाज करा रहे हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, ये बढ़ते मामले ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट्स LF.7, NB.1.8.1, और JN.1 से जुड़े हैं, जो ज्यादा संक्रामक हैं, लेकिन गंभीर नहीं। दिल्ली में एक महिला की मौत ने चिंता बढ़ाई, क्योंकि वह आंतों की रुकावट की सर्जरी के बाद कोविड पॉजिटिव पाई गई थी। टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि 1,435 मरीज पिछले 24 घंटों में ठीक हुए, जो राहत की बात है। X पर @ANI ने ट्वीट किया, “भारत में कोविड-19 केस 3,395, केरल में सबसे ज्यादा 1,336 मामले।” स्वास्थ्य मंत्रालय और ICMR ने लोगों से घबराने की बजाय मास्क और सावधानी बरतने की सलाह दी है। क्या यह बढ़त चिंता का कारण है, या स्थिति नियंत्रण में है? आइए, पूरी कहानी जानें।
दिल्ली में कोविड से पहली मौत: क्या है पूरा मामला?
दिल्ली में 31 मई 2025 को कोविड-19 से एक 60 वर्षीय महिला की मौत ने सबका ध्यान खींचा। लाइवमिंट के मुताबिक, यह हाल के उछाल के बाद दिल्ली में पहली कोविड-संबंधी मौत थी। महिला को आंतों में रुकावट की सर्जरी (लैपरोटॉमी) के बाद कोविड पॉजिटिव पाया गया था। हिंदुस्तान टाइम्स ने बताया कि उनकी हालत पहले से गंभीर थी, जिसने कोविड के असर को और बढ़ा दिया। दिल्ली में सक्रिय मामले 104 हैं, और स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने कहा, “हमारे अस्पताल पूरी तरह तैयार हैं।”
द हिंदू के अनुसार, दिल्ली में 99 नए मामले पिछले हफ्ते आए, जिससे स्वास्थ्य विभाग ने टेस्टिंग और हॉस्पिटल बेड्स बढ़ाने शुरू किए। टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि दिल्ली-एनसीआर में कोविड जैसे लक्षण (बुखार, खांसी, थकान) वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। X पर @MoHFW_INDIA ने ट्वीट किया, “दिल्ली में कोविड स्थिति पर नजर, लोगों से मास्क और सावधानी की अपील।” स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड अब मौसमी बीमारी की तरह व्यवहार कर रहा है, और टीकाकरण की वजह से गंभीर मामले कम हैं। फिर भी, बुजुर्गों और बीमार लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। क्या दिल्ली में यह सिर्फ शुरुआत है, या स्थिति जल्द नियंत्रित होगी?
केरल में सबसे ज्यादा मामले: 1,336 सक्रिय केस?
केरल भारत में कोविड-19 के सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में शीर्ष पर है। लाइवमिंट के अनुसार, 31 मई 2025 तक केरल में 1,336 सक्रिय मामले हैं, जो देश के कुल मामलों का 43% है। द इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि केरल में 335 नए मामले पिछले हफ्ते दर्ज हुए, जो किसी भी राज्य में सबसे ज्यादा है। द हिंदू के मुताबिक, केरल में एक कोविड-संबंधी मौत भी हुई, जिसने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया।
फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने बताया कि ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट्स NB.1.8.1 और LF.7 केरल में ज्यादा फैल रहे हैं। ये वेरिएंट्स ज्यादा संक्रामक हैं, लेकिन ICMR का कहना है कि इनसे गंभीर बीमारी का खतरा कम है। टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा कि केरल सरकार ने टेस्टिंग बढ़ाई और हाई-रिस्क लोगों के लिए मास्क अनिवार्य किया। X पर @ANI ने ट्वीट किया, “केरल में 1,336 कोविड केस, स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ाई।” स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि केरल की ज्यादा टेस्टिंग और जागरूकता की वजह से मामले ज्यादा पकड़े जा रहे हैं। क्या केरल का अनुभव बाकी राज्यों के लिए सबक है?
महाराष्ट्र में 68 नए केस: क्या है स्थिति?
महाराष्ट्र में कोविड-19 के मामले फिर से बढ़ रहे हैं। लाइवमिंट के मुताबिक, 31 मई 2025 को राज्य में 68 नए मामले दर्ज हुए, जिससे सक्रिय केस 467 हो गए। टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि ठाणे में 24 नए मामले आए, और एक कोविड-संबंधी मौत भी हुई। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, महाराष्ट्र में 209 सक्रिय मामले 26 मई को थे, जो अब दोगुने से ज्यादा हो गए।
फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने लिखा कि मुंबई, पुणे, और ठाणे जैसे शहरों में मामले बढ़ रहे हैं, जिससे अस्पतालों में OPD में भीड़ बढ़ी है। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ज्यादातर मरीजों में हल्के लक्षण जैसे बुखार, खांसी, और थकान हैं। X पर @MoHFW_INDIA ने ट्वीट किया, “महाराष्ट्र में कोविड केस बढ़े, मास्क और टेस्टिंग पर जोर।” स्वास्थ्य विभाग ने आइसोलेशन वार्ड तैयार किए और मास्क पहनने की सलाह दी। विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण और बूस्टर डोज ने गंभीर मामलों को कम किया है, लेकिन सावधानी जरूरी है। क्या महाराष्ट्र में यह उछाल बड़ा खतरा बन सकता है?
नए वेरिएंट्स का खतरा: JN.1, LF.7, और NB.1.8.1
कोविड-19 के बढ़ते मामलों के पीछे ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट्स JN.1, LF.7, और NB.1.8.1 हैं। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, ये वेरिएंट्स ज्यादा संक्रामक हैं, जिसकी वजह से भारत में मामले बढ़े। द हिंदू ने बताया कि JN.1 को WHO ने दिसंबर 2023 में ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया था। LF.7 और NB.1.8.1 में 30 से ज्यादा म्यूटेशन्स हैं, जो इन्हें तेजी से फैलने में मदद करते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, गुजरात में 15 सैंपल्स में LF.7 (4 केस) और XFG (3 केस) पाए गए। हिंदुस्तान टाइम्स ने ICMR के हवाले से कहा कि ये वेरिएंट्स हल्के लक्षण जैसे सिरदर्द, खांसी, और थकान पैदा करते हैं। X पर @ANI ने ट्वीट किया, “भारत में LF.7 और NB.1.8.1 वेरिएंट्स की पहचान, ICMR ने कहा- गंभीरता कम।” स्वास्थ्य मंत्रालय ने जीनोम सिक्वेंसिंग बढ़ाई है ताकि नए वेरिएंट्स पर नजर रखी जाए। विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण की वजह से ये वेरिएंट्स कम खतरनाक हैं, लेकिन बुजुर्गों और कमजोर इम्यूनिटी वालों को सावधानी बरतनी चाहिए। क्या ये वेरिएंट्स नई लहर ला सकते हैं?
लक्षण और इलाज: कोविड-19 अब कैसा है?
भारत में कोविड-19 के मौजूदा मामले ज्यादातर हल्के हैं। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, मरीजों में बुखार, खांसी, गले में खराश, थकान, और सिरदर्द जैसे लक्षण दिख रहे हैं। द इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि कुछ मरीजों में डायरिया और आवाज बैठने की शिकायत भी है। ICMR का कहना है कि ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट्स से गंभीर बीमारी का खतरा कम है। लाइवमिंट के मुताबिक, ज्यादातर मरीज घर पर ही ठीक हो रहे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने लिखा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टरों को एंटीबायोटिक्स या सेल्फ-मेडिकेशन से बचने की सलाह दी है। द हिंदू के अनुसार, अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या कम है, और ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ रही। X पर @MoHFW_INDIA ने ट्वीट किया, “कोविड लक्षण हल्के, मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।” विशेषज्ञों का कहना है कि बूस्टर डोज और हाइजीन से गंभीरता कम हो रही है। फिर भी, अगर बुखार या सांस की तकलीफ बढ़े, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। क्या ये लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम से अलग हैं?
स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह: घबराएं नहीं, सतर्क रहें?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर सतर्कता बरतने की सलाह दी है। लाइवमिंट के अनुसार, मंत्रालय ने कहा, “स्थिति नियंत्रण में है, घबराने की जरूरत नहीं।” द हिंदू ने बताया कि मंत्रालय ने टेस्टिंग, जीनोम सिक्वेंसिंग, और हॉस्पिटल तैयारियों को बढ़ाने के निर्देश दिए। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, हाई-रिस्क लोगों (बुजुर्ग, बीमार) को मास्क पहनने और भीड़ से बचने की सलाह दी गई।
हिंदुस्तान टाइम्स ने ICMR के हवाले से कहा कि कमजोर इम्यूनिटी वालों को सावधानी बरतनी चाहिए। फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने लिखा कि मंत्रालय ने वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज पर जोर दिया। X पर @MoHFW_INDIA ने ट्वीट किया, “कोविड-19 पर नजर, सभी राज्यों को टेस्टिंग और सावधानी बढ़ाने के निर्देश।” दिल्ली, महाराष्ट्र, और केरल जैसे राज्यों ने मास्क और सैनिटाइजेशन के नियम लागू किए। विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण की वजह से गंभीर मामले कम हैं, लेकिन सावधानी जरूरी है। क्या यह सलाह कोविड को नियंत्रित कर पाएगी?
अन्य राज्यों की स्थिति: गुजरात, कर्नाटक, और तमिलनाडु?
केरल, महाराष्ट्र, और दिल्ली के अलावा अन्य राज्य भी कोविड-19 की चपेट में हैं। लाइवमिंट के मुताबिक, गुजरात में 83, कर्नाटक में 47, और तमिलनाडु में 69 सक्रिय मामले हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया ने बताया कि गुजरात में 76 नए मामले पिछले हफ्ते आए, और कर्नाटक में एक 85 वर्षीय व्यक्ति की कोविड से मौत हुई। द हिंदू के अनुसार, तमिलनाडु में चेन्नई में मामले बढ़े, जहां फ्लू जैसे लक्षण अब कोविड से जुड़ रहे हैं।
फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने लिखा कि इन राज्यों में टेस्टिंग और हॉस्पिटल तैयारियां बढ़ाई गई हैं। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, कर्नाटक में 9.44% पॉजिटिविटी रेट के साथ 36 नए मामले आए। X पर @ANI ने ट्वीट किया, “गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु में कोविड केस बढ़े, सतर्कता बढ़ाई गई।” स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ये मामले मौसमी उछाल का हिस्सा हो सकते हैं, जैसा कि सिंगापुर और हांगकांग में देखा गया। क्या ये राज्य बड़ी लहर को रोक पाएंगे?
एशिया में कोविड उछाल: भारत के लिए सबक?
भारत में कोविड-19 की बढ़त एशिया के अन्य देशों से जुड़ी है। लाइवमिंट के अनुसार, हांगकांग और सिंगापुर में मई 2025 में कोविड मामलों में तेज उछाल आया। द हिंदू ने बताया कि हांगकांग में सीवेज सैंपल्स में वायरल लोड 13.66% तक पहुंचा। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, सिंगापुर, थाईलैंड, और चीन में भी मामले बढ़े, जिससे भारत में सतर्कता बढ़ी।
फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने लिखा कि एशिया में JN.1 और इसके सब-वेरिएंट्स ने मामलों को बढ़ाया। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, भारत ने सीवेज सैंपलिंग और जीनोम सिक्वेंसिंग बढ़ाई ताकि नए वेरिएंट्स का पता लगे। X पर @MoHFW_INDIA ने ट्वीट किया, “एशिया में कोविड उछाल के बाद भारत में सतर्कता, टेस्टिंग बढ़ाई।” विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की वैक्सीनेशन दर (90% से ज्यादा) इसे गंभीर लहर से बचा सकती है। फिर भी, सावधानी और टेस्टिंग जरूरी है। क्या भारत इस उछाल को नियंत्रित कर पाएगा?
FAQs: आपके सवालों के जवाब?
- भारत में कोविड-19 के कितने सक्रिय मामले हैं?
31 मई 2025 तक भारत में 3,395 सक्रिय कोविड-19 मामले हैं। - किन राज्यों में सबसे ज्यादा मामले हैं?
केरल (1,336), महाराष्ट्र (467), और दिल्ली (104) में सबसे ज्यादा मामले हैं। - कोविड के नए वेरिएंट्स कौन से हैं?
JN.1, LF.7, और NB.1.8.1 ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट्स भारत में फैल रहे हैं। - क्या कोविड अब गंभीर है?
ज्यादातर मामले हल्के हैं, और मरीज घर पर ठीक हो रहे हैं। - क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
मास्क पहनें, सैनिटाइजर यूज करें, और बूस्टर डोज लें।
निष्कर्ष?
भारत में कोविड-19 के मामले बढ़कर 3,395 हो गए, और दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में उछाल ने चिंता बढ़ाई। चार मौतों, जिनमें दिल्ली की एक महिला शामिल है, ने सतर्कता की जरूरत बताई। ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट्स JN.1, LF.7, और NB.1.8.1 के कारण मामले बढ़े, लेकिन स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है। हल्के लक्षण और टीकाकरण की वजह से गंभीर मामले कम हैं, लेकिन मास्क, टेस्टिंग, और सावधानी जरूरी है। एशिया में उछाल से भारत को सबक लेना होगा। आइए, सतर्क रहें और सुरक्षित रहें।