हल्दी सप्लीमेंट से लिवर डैमेज: क्या “नेचुरल” हमेशा सुरक्षित है?

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Common Herbal Supplement Linked to Deadly Liver Disease, Study Finds

हल्दी, जिसे हम सदियों से अपने खाने और आयुर्वेद में इस्तेमाल करते आए हैं, आज एक खतरनाक सवाल उठा रही है। टाइम्स ऑफ इंडिया की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, हल्दी के सप्लीमेंट्स, जो लोग सेहत सुधारने के लिए लेते हैं, अब लिवर डैमेज और गंभीर बीमारियों से जोड़े जा रहे हैं। अमेरिका में 54 साल के रॉबर्ट ग्राफ्टन की कहानी इसका बड़ा उदाहरण है। रॉबर्ट ने हल्दी और अन्य हर्बल सप्लीमेंट्स लिए, जिसके बाद उन्हें जानलेवा लिवर डिजीज का सामना करना पड़ा। NBC न्यूज के अनुसार, रॉबर्ट को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा, जहां पता चला कि उनके लिवर को सप्लीमेंट्स ने नुकसान पहुंचाया। यह खबर भारतीयों के लिए भी चौंकाने वाली है, क्योंकि हल्दी हमारे किचन का अहम हिस्सा है। लेकिन क्या सप्लीमेंट के रूप में हल्दी लेना सचमुच सुरक्षित है?

द इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट बताती है कि 1995 से 2020 तक अमेरिका में सप्लीमेंट्स से होने वाले लिवर फेल्योर के मामले आठ गुना बढ़ गए। हल्दी, ग्रीन टी, और अश्वगंधा जैसे “नेचुरल” सप्लीमेंट्स अब हिपेटोटॉक्सिसिटी (लिवर को नुकसान) का कारण बन रहे हैं। भारत में, जहां लोग आयुर्वेद और हर्बल उपायों पर भरोसा करते हैं, यह खबर और भी गंभीर है। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, कई भारतीय बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट्स लेते हैं, जो खतरनाक हो सकता है। X पर @HealthIndiaNow ने लिखा, “हल्दी खाना ठीक है, लेकिन सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से पूछें!” यह सवाल उठता है कि क्या “नेचुरल” का मतलब हमेशा सुरक्षित होता है? आइए, इस खतरे, इसके कारणों, और बचाव के तरीकों को समझें।

रॉबर्ट ग्राफ्टन की कहानी: हल्दी सप्लीमेंट का खतरनाक असर?

रॉबर्ट ग्राफ्टन, एक 54 साल का अमेरिकी, अपनी सेहत बेहतर करने के लिए हल्दी, अश्वगंधा, और अन्य हर्बल सप्लीमेंट्स ले रहा था। उसे लगा कि ये “नेचुरल” चीजें उसकी इम्यूनिटी बढ़ाएंगी। लेकिन कुछ समय बाद उसे थकान, पीलिया, और पेट दर्द हुआ। NBC न्यूज के अनुसार, अस्पताल में जांच से पता चला कि रॉबर्ट को ड्रग-इंड्यूस्ड लिवर इंजरी (हिपेटोटॉक्सिसिटी) हो गई थी। डॉक्टरों ने बताया कि हल्दी और अन्य सप्लीमेंट्स की ज्यादा मात्रा ने उसके लिवर को गंभीर नुकसान पहुंचाया। यह मामला सिर्फ रॉबर्ट तक सीमित नहीं है; द इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट बताती है कि अमेरिका में हर साल 50,000 से ज्यादा लोग लिवर डिजीज से मरते हैं, और सप्लीमेंट्स इसका एक बड़ा कारण बन रहे हैं।

भारत में हल्दी का इस्तेमाल खाने में आम है, लेकिन सप्लीमेंट्स के रूप में इसे लेना अलग बात है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, हल्दी सप्लीमेंट्स में करक्यूमिन की ज्यादा मात्रा होती है, जो लिवर पर दबाव डाल सकती है। रॉबर्ट के मामले में, उसने बिना डॉक्टर की सलाह के कई सप्लीमेंट्स एक साथ लिए, जिससे उसका लिवर डैमेज हो गया। हिंदुस्तान टाइम्स ने बताया कि भारत में लोग अक्सर ऑनलाइन या दुकानों से सप्लीमेंट्स खरीद लेते हैं, बिना यह जाने कि उनकी बॉडी को इसकी जरूरत है या नहीं। X पर @HealthyLivingIN ने लिखा, “सप्लीमेंट्स लेने से पहले लिवर टेस्ट करवाएं, नहीं तो खतरा बढ़ सकता है।” रॉबर्ट की कहानी हमें सिखाती है कि बिना जानकारी के “नेचुरल” चीजें भी खतरनाक हो सकती हैं। क्या आप भी बिना सलाह के सप्लीमेंट्स ले रहे हैं?

लिवर डैमेज का बढ़ता खतरा: सप्लीमेंट्स क्यों बन रहे हैं जहर?

लिवर हमारे शरीर का सबसे मेहनती अंग है, जो खाने, दवाओं, और सप्लीमेंट्स को प्रोसेस करता है। लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि हर्बल सप्लीमेंट्स, जैसे हल्दी, ग्रीन टी, और अश्वगंधा, अब लिवर डैमेज का बड़ा कारण बन रहे हैं। द इंडिपेंडेंट के मुताबिक, 1995 से 2020 तक अमेरिका में सप्लीमेंट्स से लिवर फेल्योर के मामले आठ गुना बढ़े। भारत में भी यह समस्या बढ़ रही है, क्योंकि लोग बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट्स लेते हैं। NBC न्यूज ने बताया कि सप्लीमेंट्स से होने वाली हिपेटोटॉक्सिसिटी लिवर को धीरे-धीरे कमजोर करती है, और इसके लक्षण अक्सर देर से दिखते हैं, जैसे पीलिया, थकान, और पेट में दर्द।

हल्दी सप्लीमेंट्स में करक्यूमिन की ज्यादा मात्रा लिवर पर दबाव डाल सकती है। हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, भारत में लोग मानते हैं कि हर्बल सप्लीमेंट्स “नेचुरल” होने की वजह से सुरक्षित हैं, लेकिन यह गलतफहमी खतरनाक है। ज्यादा डोज या कई सप्लीमेंट्स एक साथ लेने से लिवर को नुकसान हो सकता है। X पर @IndiaHealthTips ने लिखा, “लिवर डैमेज के मामले बढ़ रहे हैं। हल्दी सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।” इसके अलावा, कुछ सप्लीमेंट्स में मिलावट या अनरेगुलेटेड डोज भी खतरे को बढ़ाते हैं। भारत में, जहां आयुर्वेदिक दवाओं का चलन बढ़ रहा है, यह जरूरी है कि लोग सावधानी बरतें। क्या “नेचुरल” हमेशा सुरक्षित होता है, या हमें और सतर्क होने की जरूरत है?

हल्दी सप्लीमेंट्स: फायदे और नुकसान?

हल्दी को भारत में “सुपरफूड” माना जाता है। इसके एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण जोड़ों के दर्द, पाचन, और इम्यूनिटी के लिए फायदेमंद हैं। लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि हल्दी सप्लीमेंट्स की ज्यादा मात्रा लिवर के लिए खतरनाक हो सकती है। NBC न्यूज के अनुसार, हल्दी में मौजूद करक्यूमिन, अगर ज्यादा मात्रा में लिया जाए, तो लिवर पर दबाव डालता है। रॉबर्ट ग्राफ्टन जैसे कई लोगों ने हल्दी सप्लीमेंट्स को सेहत के लिए लिया, लेकिन इसके उलट उन्हें गंभीर लिवर डैमेज हुआ। भारत में, जहां लोग आयुर्वेद पर भरोसा करते हैं, यह समझना जरूरी है कि हल्दी खाने और सप्लीमेंट्स लेने में बड़ा अंतर है।

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, खाने में हल्दी की थोड़ी मात्रा (1-2 चम्मच) सुरक्षित है, लेकिन सप्लीमेंट्स में करक्यूमिन की डोज 500-2000 मिलीग्राम तक हो सकती है, जो लिवर के लिए हानिकारक है। ज्यादा डोज से पीलिया, लिवर की सूजन, या फेल्योर तक हो सकता है। X पर @AyurvedaGuruIN ने लिखा, “हल्दी का खाने में इस्तेमाल ठीक है, लेकिन सप्लीमेंट्स बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।” इसके अलावा, कुछ सप्लीमेंट्स में मिलावट या अनसेफ केमिकल्स भी हो सकते हैं। अगर आप हल्दी सप्लीमेंट्स ले रहे हैं, तो क्या आपने इसके नुकसान के बारे में सोचा है? या सिर्फ इसके फायदों पर भरोसा कर रहे हैं? सावधानी बरतना ही बेहतर है।

हल्दी सप्लीमेंट से लिवर डैमेज के खतरे

लिवर डैमेज के लक्षण: इन्हें नजरअंदाज न करें?

लिवर डैमेज के लक्षण अक्सर देर से दिखाई देते हैं, जिससे लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, हल्दी और अन्य हर्बल सप्लीमेंट्स से होने वाला लिवर डैमेज (हिपेटोटॉक्ससिटी) खतरनाक हो सकता है। इसके आम लक्षण हैं पीलिया (आंखों और त्वचा का पीला होना), थकान, पेट में दर्द, जी मचलाना, और भूख न लगना। NBC न्यूज की रिपोर्ट में रॉबर्ट ग्राफ्टन के मामले में यही लक्षण दिखे, और समय पर इलाज न मिलने से उनकी हालत बिगड़ी। भारत में लोग अक्सर इन लक्षणों को हल्के में लेते हैं, जो गंभीर परिणाम दे सकता है।

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, लिवर डैमेज के गंभीर लक्षणों में काले रंग का पेशाब, त्वचा पर खुजली, और पेट में सूजन भी शामिल हैं। द इंडिपेंडेंट ने बताया कि सप्लीमेंट्स से होने वाला लिवर डैमेज धीरे-धीरे बढ़ता है, और कई बार लिवर फेल्योर तक पहुंच जाता है। X पर @LiveHealthyIN ने लिखा, “लिवर डैमेज के शुरुआती लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। देर करने से जान जा सकती है।” भारत में, जहां लोग घरेलू नुस्खों पर ज्यादा भरोसा करते हैं, यह समझना जरूरी है कि लिवर की खराबी को हल्के में न लें। क्या आप इन लक्षणों को नजरअंदाज कर रहे हैं? अगर हां, तो तुरंत सावधान हो जाएं और जांच करवाएं।

भारत में सप्लीमेंट्स का बढ़ता क्रेज: खतरे की घंटी?

भारत में हर्बल सप्लीमेंट्स का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। हल्दी, अश्वगंधा, गिलोय, और ग्रीन टी जैसे सप्लीमेंट्स ऑनलाइन और दुकानों में आसानी से मिल रहे हैं। *हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, लोग वेट लॉस, इम्यूनिटी बढ़ाने, और जोड़ों के दर्द के लिए बिना सलाह के ये सप्लीमेंट्स ले रहे हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि भारत में आयुर्वेदिक और हर्बल प्रॉडक्ट्स का बाजार 2025 में 10 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। लेकिन इस बढ़ते क्रेज के साथ ही लिवर डैमेज के मामले भी सामने आ रहे हैं, जो चिंता का विषय है।

द इंडिपेंडेंट के अनुसार, हर्बल सप्लीमेंट्स में अनरेगुलेटेड डोज और मिलावट लिवर को नुकसान पहुंचा रही है। भारत में कई सप्लीमेंट्स की क्वॉलिटी चेक नहीं होती, जिससे खतरा और बढ़ जाता है। NBC न्यूज ने बताया कि लोग बिना लिवर फंक्शन टेस्ट के सप्लीमेंट्स लेते हैं, जो गंभीर परिणाम दे सकता है। X पर @WellnessIndia ने लिखा, “हल्दी सपलीमेंट्स का क्रेज बढ़े बिना न फंसें।। डॉ डॉ सलाह और टेस्ट जरूरी हैं।” भारत में, जहां लोग “नेचुरल” चीजों को सुरक्षित मानते हैं, यह जरूरी है कि लोग सावधानी बरतें। क्या आप भी ऑनलाइन सप्लीमेंट्स खरीदते हैं? अगर हां, तो पहले इसके खतरे समझें और डॉ बटकी सलाह लें।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं: सप्लीमेंट्स लेने से पहले सावधानियां?

लिवर डैमेज के बढ़ते मामलों ने विशेषज्ञों को चिंता में डाल दिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, डॉक्टर्स का कहना है कि हल्दी और अन्य हर्बल सप्लीमेंट्स लेने से पहले लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) करवाना जरूरी है। NBC न्यूज ने लिवर विशेषज्ञ डॉ. हालेगोआ-डी मार्जियो के हवाले से बताया कि “नेचुरल” का मतलब सुरक्षित नहीं होता। ज्यादा डोज या कई सप्लीमेंट्स एक साथ लेने से लिवर पर दबाव पड़ता है, जो फेल्योर तक ले जा सकता है। भारत में, जहां लोग आयुर्वेद पर भरोसा करते हैं, विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, सप्लीमेंट्स लेने से पहले इन सावधानियां बरतें:

  • डॉक्टर की सलाह लें: अपनी मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर डोज और जरूरत जानें।
  • क्वॉलिटी चेक करें: FSSAI या FDA-अप्रूव्ड सप्लीमेंट्स ही खरीदें।
  • लिवर टेस्ट: हर 3-6 महीने में LFT करवाएं।
  • ज्यादा डोज न लें: पैकेट पर लिखी डोज से ज्यादा न लें।
    द इंडिपेंडेंट ने बताया कि कुछ सप्लीमेंट्स दवाओं के साथ रिएक्शन कर सकते हैं, जिससे खतरा बढ़ता है। X पर @HealthExpertIN ने लिखा, “लिवर आपका डिटॉक्स मैनेजर है। इसे सप्लीमेंट्स से नुकसान न पहुंचाएं।” क्या आप सप्लीमेंट्स लेते समय ये सावधानियां बरतते हैं?

हल्दी के सप्लीमेंट्स लेने के नुकसान

लिवर को स्वस्थ रखने के प्राकृतिक तरीके?

लिवर को स्वस्थ रखने के लिए सप्लीमेंट्स की जरूरत नहीं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक अन्य रिपोर्ट में बताया गया कि कुछ फल और सब्जियां लिवर को प्राकृतिक रूप से डिटॉक्स करती हैं। सेब, चुकंदर, पालक, और गाजर जैसे खाद्य पदार्थ लिवर की सूजन को कम करते हैं और डिटॉक्स को बढ़ाते हैं। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, रोजाना 2-10 लीटर पानी पीना और प्रोसेस्ड फूड से बचना लिवर के लिए फायदेमंद है। इसके अलावा, अल्कोहल, तले हुए खाने, और ज्यादा चीनी से लिवर पर दबाव पड़ता है।

NBC न्यूज के अनुसार, लिवर को स्वस्थ रखने के लिए नियमित व्यायाम, वजन कंट्रोल, और संतुलित डाइट जरूरी है। भारत में लोग अक्सर घरेलू नुस्खों पर भरोसा करते हैं, जैसे नींबू पानी या हल्दी दूध, जो सही मात्रा में फायदेमंद हैं। X पर @NaturalHealthIN ने लिखा, “लिवर को डिटॉक्स करने के लिए सेब और चुकंदर खाएं। सप्लीमेंट्स की जरूरत नहीं!” द इंडिपेंडेंट ने बताया कि ज्यादा सप्लीमेंट्स लेने की बजाय डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव लिवर को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं। क्या आप अपने लिवर को स्वस्थ रखने के लिए ये प्राकृतिक तरीके अपनाते हैं? अगर नहीं, तो आज से शुरू करें।

आयुर्वेद और सप्लीमेंट्स: सही संतुलन कैसे बनाएं?

भारत में आयुर्वेद का इतिहास सदियों पुराना है, और हल्दी इसका अहम हिस्सा है। लेकिन टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि हल्दी सप्लीमेंट्स का गलत इस्तेमाल आयुर्वेद के सिद्धांतों के खिलाफ है। हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, आयुर्वेद में हर व्यक्ति की प्रकृति (वात, पित्त, कफ) के हिसाब से दवाएं दी जाती हैं। बिना वैद्य की सलाह के सप्लीमेंट्स लेना आयुर्वेदिक नियमों का उल्लंघन है। NBC न्यूज ने बताया कि हल्दी सप्लीमेंट्स में करक्यूमिन की ज्यादा मात्रा शरीर के संतुलन को बिगाड़ सकती है, जिससे लिवर डैमेज होता है।

द इंडिपेंडेंट के अनुसार, आयुर्वेद में हल्दी को कम मात्रा में खाने या दूध में मिलाकर लेने की सलाह दी जाती है, न कि गोली के रूप में। भारत में लोग ऑनलाइन मार्केटिंग के प्रभाव में आकर बिना सोचे सप्लीमेंट्स लेते हैं। X पर @AyurvedaExpert ने लिखा, “आयुर्वेद में संतुलन सबसे जरूरी है। हल्दी सप्लीमेंट्स लेने से पहले वैद्य से सलाह लें।” अगर आप आयुर्वेद को अपनाते हैं, तो यह सुनिश्चित करें कि आप सही तरीके से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। क्या आप आयुर्वेदिक सप्लीमेंट्स को सही तरह से लेते हैं, या सिर्फ ट्रेंड फॉलो करते हैं?

सावधानी और जागरूकता: अपने लिवर को कैसे बचाएं?

लिवर डैमेज से बचने के लिए जागरूकता और सावधानी सबसे जरूरी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट कहती है कि हल्दी और अन्य हर्बल सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। NBC न्यूज के मुताबिक, लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) हर 6 महीने में करवाने से लिवर की हालत का पता चलता है। भारत में लोग अक्सर सप्लीमेंट्स को हल्के में लेते हैं, लेकिन हिंदुस्तान टाइम्स ने बताया कि बिना सलाह के लिए गए सप्लीमेंट्स लिवर फेल्योर का कारण बन सकते हैं। इसके लिए कुछ आसान टिप्स हैं: FSSAI-अप्रूव्ड सप्लीमेंट्स चुनें, ज्यादा डोज से बचें, और अपनी डाइट में प्राकृतिक खाद्य पदार्थ शामिल करें।

द इंडिपेंडेंट ने सुझाव दिया कि सप्लीमेंट्स के साथ दवाओं का कॉम्बिनेशन करने से पहले डॉक्टर से बात करें। X पर @HealthCareIN ने लिखा, “लिवर को बचाने के लिए जागरूक बनें। सप्लीमेंट्स लेने से पहले टेस्ट और सलाह जरूरी!” भारत में, जहां लोग आयुर्वेद और मॉडर्न सप्लीमेंट्स दोनों का इस्तेमाल करते हैं, सही जानकारी और सावधानी से लिवर को सुरक्षित रखा जा सकता है। क्या आप अपने लिवर की सेहत के लिए सही कदम उठा रहे हैं? अगर नहीं, तो अब समय है जागरूक बनने का।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
  1. हल्दी सप्लीमेंट्स से लिवर डैमेज कैसे होता है?
    ज्यादा करक्यूमिन या मिलावट वाले सप्लीमेंट्स लिवर पर दबाव डालते हैं, जिससे हिपेटोटॉक्ससिटी हो सकती है।
  2. लिवर डैमेज के लक्षण क्या हैं?
    पीलिया, थकान, पेट दर्द, जी मचलाना, और काला पेशाब इसके मुख्य लक्षण हैं।
  3. क्या खाने से हल्दी सुरक्षित है?
    हाँ, खाने में 1-2 चम्मच हल्दी सुरक्षित है, लेकिन सप्लीमेंट्स बिना सलाह के न लें।
  4. लिवर को स्वस्थ रखने के लिए क्या करें?
    सेब, चुकंदर, और हरी सब्जियां खाएं, पानी पिएं, और नियमित व्यायाम करें।
  5. सप्लीमेंट्स लेने से पहले क्या जांच करें?
    लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) करवाएं और FSSAI-अप्रूव्ड प्रोडक्ट्स चुनें।
निष्कर्ष?

हल्दी सप्लीमेंट्स से लिवर डैमेज की खबर ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि “नेचुरल” चीजें भी खतरनाक हो सकती हैं। रॉबर्ट ग्राफ्टन जैसे मामलों ने साबित किया कि बिना सलाह के सप्लीमेंट्स लेना जानलेवा हो सकता है। भारत में, जहां हल्दी और आयुर्वेद का गहरा रिश्ता है, यह जरूरी है कि लोग जागरूक बनें। लिवर डैमेज के लक्षणों को नजरअंदाज न करें, और सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लें। प्राकृतिक खाद्य पदार्थ, जैसे सेब और चुकंदर, और संतुलित लाइफस्टाइल लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं। आइए, अपने लिवर की सेहत को प्राथमिकता दें और सावधानी के साथ फैसले लें।

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