पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान 10 मई 2025 को सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे, लेकिन वजह थी एक फर्जी खबर। दावा किया गया कि उनकी जेल में हत्या कर दी गई। इस अफवाह को हवा दी एक 2013 के पुराने वीडियो ने, जिसमें इमरान खान चोटिल दिख रहे थे। कुछ ने कहा कि उन्हें गोली मारी गई, कुछ ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर पर हत्या का इल्जाम लगाया। लेकिन सच क्या है? आइए, इस फर्जी खबर की पूरी कहानी आसान हिंदी में समझते हैं।
2013 का वीडियो: अफवाह की जड़
ये सारी अफवाह शुरू हुई एक पुराने वीडियो से। मई 2013 में, इमरान खान लाहौर में एक चुनावी रैली के दौरान स्टेज पर चढ़ते वक्त फोर्कलिफ्ट से गिर गए थे। इस हादसे में उनके सिर और कंधे पर चोट आई, और गार्ड्स उन्हें खून से लथपथ लेकर गए। ये वीडियो उस वक्त वायरल हुआ था।
2025 में, यही वीडियो फिर से X और WhatsApp पर फैलने लगा, लेकिन गलत दावों के साथ। कुछ पोस्ट्स में कहा गया कि इमरान खान को जेल में मार डाला गया। कुछ ने दावा किया कि उन्हें गोली मारी गई या पीटा गया। लेकिन ये वीडियो 12 साल पुराना था, और इसका मौजूदा हालात से कोई लेना-देना नहीं था।
फर्जी प्रेस रिलीज: भ्रम को और बढ़ाया
अफवाह को और बल मिला एक फर्जी प्रेस रिलीज से, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इस दस्तावेज में दावा किया गया कि पाकिस्तान की विदेश मंत्रालय ने इमरान खान की जेल में मौत की पुष्टि की है। रिलीज में लिखा था, “हमें गहरे दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की ज्यूडिशियल कस्टडी में मौत हो गई।” इसमें जांच की बात भी थी।
लेकिन पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इसे साफ तौर पर फर्जी बताया। मंत्रालय ने कहा कि ये रिलीज नकली है, और लोगों से ऐसी अफवाहों पर यकीन न करने को कहा। Boom Live और The Quint जैसे फैक्ट-चेकर्स ने भी पुष्टि की कि कोई विश्वसनीय स्रोत इमरान खान की मौत की खबर की पुष्टि नहीं करता।
सोशल मीडिया पर हंगामा: जनरल मुनीर पर इल्जाम
फर्जी वीडियो और प्रेस रिलीज ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया। पाकिस्तान में कई यूजर्स ने आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर पर इमरान खान की “हत्या” का इल्जाम लगाया। कुछ ने लिखा, “ISI और पाक आर्मी ने इमरान को मार डाला।” मशहूर पत्रकार हामिद मीर ने भी एक ट्वीट में खान की मौत का जिक्र किया, जो बाद में भ्रामक साबित हुआ।
कई यूजर्स ने इमरान खान की मौत पर शोक जताया, जबकि कुछ ने इसे भारत-पाकिस्तान तनाव से जोड़ा। X पर एक यूजर ने लिखा, “इमरान खान ही पाकिस्तान को बचा सकते थे।” लेकिन Grok AI ने फैक्ट-चेक करते हुए कहा, “इमरान खान जिंदा हैं और 14 साल की सजा काट रहे हैं। उनकी मौत की कोई विश्वसनीय खबर नहीं है।”
PTI की चिंता: इमरान की जान को खतरा?
इमरान खान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI), ने इस अफवाह के बीच इस्लामाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की। PTI ने दावा किया कि लंबी हिरासत और भारत-पाकिस्तान तनाव की वजह से खान की जान को खतरा है। पार्टी के नेता जुनैद अकबर ने कहा, “सरकार युद्ध का बहाना बनाकर खान को निशाना बना सकती है। ड्रोन या मिसाइल अटैक का डर है।”
PTI ने खान को तुरंत रिहा करने की मांग की, क्योंकि वे मानते हैं कि उनकी हिरासत राजनीतिक है। खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अडियाला जेल में हैं, जहां उन पर करीब 200 केस चल रहे हैं।
भारत-पाकिस्तान तनाव का कनेक्शन
ये अफवाह ऐसे वक्त फैली, जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था। भारत की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान में नौ आतंकी कैंप्स को निशाना बनाया था। इस बीच, कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स ने खान की “मौत” को भारत से जोड़ा। पाकिस्तानी मीडिया ने इसे “भारतीय ट्रोल्स” की साजिश बताया, लेकिन कोई सबूत नहीं दिया।
इमरान खान की बहन अलीमा खान ने भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ झूठ बोल रहे हैं, और भारत-पाक तनाव का फायदा उठाया जा रहा है। X पर #ReleaseImranKhan ट्रेंड करने लगा, जिसमें यूजर्स ने खान को “पाकिस्तान की आवाज” बताया।
फर्जी खबरों का खतरा
इस घटना ने एक बार फिर दिखाया कि फर्जी खबरें कितनी खतरनाक हो सकती हैं। एक पुराना वीडियो और नकली प्रेस रिलीज ने लाखों लोगों को भ्रमित किया। भारत और पाकिस्तान जैसे संवेदनशील माहौल में ऐसी अफवाहें तनाव को और बढ़ा सकती हैं।
पाकिस्तान में पहले भी इमरान खान को लेकर फर्जी खबरें फैली हैं। मई 2023 में उनकी गिरफ्तारी के बाद AI-जनरेटेड तस्वीरें और फर्जी दस्तावेज वायरल हुए थे। हाल ही में, एक नकली मेडिकल रिपोर्ट ने दावा किया था कि जेल में खान का यौन शोषण हुआ, जो भी झूठी साबित हुई।
भारत में इसका असर
भारत में भी ये फर्जी खबर खूब फैली। WhatsApp पर नकली प्रेस रिलीज और 2013 का वीडियो वायरल हुआ। फैक्ट-चेकर मोहम्मद जुबैर ने X पर लिखा, “ये फर्जी लेटर भारत में WhatsApp पर जबरदस्त वायरल है।” भारतीय यूजर्स ने इसे भारत-पाक तनाव से जोड़ा, और कुछ ने इसे प्रोपेगैंडा बताया।
भारत में इमरान खान की छवि एक क्रिकेटर और नेता के तौर पर मशहूर है। उनकी “मौत” की खबर ने कई भारतीय फैंस को हैरान किया, लेकिन फैक्ट-चेकिंग ने जल्दी सच्चाई सामने ला दी। फिर भी, ये दिखाता है कि भारत में भी फर्जी खबरें आसानी से फैल सकती हैं।
निष्कर्ष: सच्चाई की जीत
इमरान खान की “मौत” की अफवाह ने सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया, लेकिन सच्चाई ये है कि वे जिंदा हैं और अडियाला जेल में अपनी सजा काट रहे हैं। 2013 का वीडियो और फर्जी प्रेस रिलीज ने भ्रम फैलाया, लेकिन पाकिस्तान सरकार और फैक्ट-चेकर्स ने इसे बेनकाब कर दिया। ये घटना हमें सिखाती है कि सोशल मीडिया पर हर खबर पर यकीन करने से पहले उसकी जांच जरूरी है।
क्या आप भी ऐसी फर्जी खबरों से सावधान रहते हैं? हमें कमेंट में बताएं, और इस आर्टिकल को शेयर करें ताकि और लोग सच्चाई जान सकें!