एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारत ने एक बार फिर अपनी ताकत दिखाई और दक्षिण कोरिया के गुमी में 4x400m मिक्स्ड रिले में गोल्ड मेडल जीतकर अपने खिताब को सफलतापूर्वक डिफेंड किया। भारतीय टीम, जिसमें रूपल चौधरी, संतोष कुमार तमिलरासन, विशाल टीके, और सुभा वेंकटेशन शामिल थे, ने 3 मिनट 18.12 सेकंड का समय निकाला और चीन को पछाड़कर पहला स्थान हासिल किया। चीन ने 3:20.52 सेकंड के साथ सिल्वर और श्रीलंका ने 3:21.95 सेकंड के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता। यह भारत का इस इवेंट में तीसरा मेडल है, क्योंकि 2023 में गोल्ड और 2019 में सिल्वर मेडल जीता था। इस जीत ने भारतीय एथलेटिक्स की बढ़ती ताकत को दुनिया के सामने पेश किया।
दूसरे दिन भारत ने कुल छह मेडल जीते, जिसमें तीजस्विन शंकर का डेकाथलॉन में सिल्वर और प्रवीण चित्रवेल का ट्रिपल जंप में सिल्वर शामिल है। रूपल चौधरी ने 400m व्यक्तिगत स्पर्धा में भी सिल्वर मेडल जीता, जिससे वह दिन की स्टार रहीं। इस लेख में हम भारत की इस शानदार जीत के हर पहलू को सरल भाषा में समझाएंगे, जिसमें टीम की रणनीति, एथलीट्स का प्रदर्शन, और अन्य मेडल्स शामिल हैं। क्या भारत इस चैंपियनशिप में और मेडल्स जीतेगा? आइए, इस रोमांचक सफर को करीब से देखें।
भारतीय 4x400m मिक्स्ड रिले टीम: कौन हैं ये स्टार्स?
भारत की 4x400m मिक्स्ड रिले टीम में चार शानदार एथलीट्स शामिल थे – संतोष कुमार तमिलरासन, रूपल चौधरी, विशाल टीके, और सुभा वेंकटेशन। इस टीम ने न केवल अपनी रणनीति और तालमेल से सभी को प्रभावित किया, बल्कि कड़े मुकाबले में चीन को हराकर गोल्ड मेडल भी जीता। संतोष ने पहली लेग में दमदार शुरुआत की और भारत को बढ़त दिलाई। इसके बाद रूपल ने चीन की चुनौती का सामना करते हुए बढ़त बनाए रखी। विशाल ने तीसरी लेग में अपनी तेजी से भारत की लीड को और मजबूत किया, और सुभा ने आखिरी लेग में शानदार फिनिश के साथ गोल्ड पक्का किया।
रूपल चौधरी इस इवेंट की सबसे बड़ी स्टार रहीं, क्योंकि उन्होंने उसी दिन 400m व्यक्तिगत स्पर्धा में सिल्वर मेडल भी जीता। सुभा 2023 की गोल्ड मेडलिस्ट टीम की एकमात्र सदस्य थीं, जिन्होंने इस बार भी अपनी काबिलियत साबित की। संतोष और विशाल ने भी अपनी तेजी और तालमेल से सभी का ध्यान खींचा। यह जीत भारत के लिए इसलिए भी खास है, क्योंकि इसने दिखाया कि भारतीय एथलीट्स अब विश्व स्तर पर भी अपनी छाप छोड़ रहे हैं। क्या यह टीम भविष्य में ओलंपिक मेडल जीत सकती है?
रणनीति और प्रदर्शन: कैसे जीता भारत ने गोल्ड?
4x400m मिक्स्ड रिले में भारत की जीत का श्रेय उनकी शानदार रणनीति और बटॉन पासिंग के तालमेल को जाता है। संतोष कुमार तमिलरासन ने पहली लेग में तेज शुरुआत की और भारत को शुरुआती बढ़त दिलाई। रूपल चौधरी ने दूसरी लेग में चीन की कड़ी चुनौती का सामना किया, लेकिन अपनी रफ्तार और फोकस से भारत को आगे रखा। तीसरी लेग में विशाल टीके ने न केवल बढ़त को बनाए रखा, बल्कि इसे और बढ़ाया, जिससे सुभा वेंकटेशन के लिए आखिरी लेग आसान हो गई। सुभा ने अंत में अपनी अनुभवी दौड़ से भारत को 3:18.12 सेकंड के समय के साथ गोल्ड दिलाया।
इस रेस में मौसम ने भी चुनौती पेश की, क्योंकि बारिश और तूफान के कारण कुछ इवेंट्स रुक गए थे। फिर भी, भारतीय टीम ने दबाव में शानदार प्रदर्शन किया। यह जीत इसलिए भी खास थी, क्योंकि भारत ने 2023 में भी इसी इवेंट में गोल्ड जीता था और इस बार फिर खिताब डिफेंड किया। हालांकि, यह समय विश्व चैंपियनशिप क्वालिफिकेशन से थोड़ा धीमा था, लेकिन टीम का तालमेल और दृढ़ता काबिल-ए-तारीफ थी। क्या यह रणनीति भविष्य में और बड़े मंचों पर काम आएगी?
रूपल चौधरी: दो मेडल्स के साथ बनीं स्टार?
रूपल चौधरी ने एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में अपने प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया। उन्होंने न केवल 4x400m मिक्स्ड रिले में गोल्ड मेडल जीता, बल्कि उसी दिन महिलाओं की 400m व्यक्तिगत स्पर्धा में सिल्वर मेडल भी हासिल किया। 400m में उन्होंने 52.68 सेकंड का समय निकाला, जो जापान की नानाकु मात्सुमोतो (52.17 सेकंड) से थोड़ा पीछे था। रूपल ने कहा कि चोटों के कारण उनकी तैयारी प्रभावित हुई थी, लेकिन फिर भी उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया।
रूपल का यह प्रदर्शन इसलिए भी खास है, क्योंकि वह 2022 में विश्व U20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट बनी थीं। उस समय उन्होंने 4x400m रिले में सिल्वर और 400m में ब्रॉन्ज जीता था। उनकी तेजी और दृढ़ता ने उन्हें भारत की उभरती हुई स्टार बनाया है। इस चैंपियनशिप में उनकी डबल मेडल जीत ने भारतीय एथलेटिक्स के भविष्य को और उज्ज्वल कर दिया। क्या रूपल भविष्य में ओलंपिक मेडल जीत सकती हैं?
तीजस्विन शंकर: डेकाथलॉन में ऐतिहासिक सिल्वर?
तीजस्विन शंकर ने एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में इतिहास रचते हुए डेकाथलॉन में सिल्वर मेडल जीता। वह डेकाथलॉन में दो मेडल जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट बने, क्योंकि उन्होंने 2023 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इस बार उन्होंने 7618 पॉइंट्स के साथ सिल्वर हासिल किया, जबकि चीन के फेई जियांग ने 7634 पॉइंट्स के साथ गोल्ड जीता। तीजस्विन ने 1500m रेस, जो डेकाथलॉन का आखिरी इवेंट था, में 4:37.99 सेकंड का समय निकाला और तीसरे स्थान से सिल्वर तक पहुंचे।
तीजस्विन की यह उपलब्धि इसलिए खास है, क्योंकि डेकाथलॉन एक बेहद कठिन स्पर्धा है, जिसमें 10 अलग-अलग इवेंट्स होते हैं। उनकी मेहनत और बहुमुखी प्रतिभा ने भारत को गौरवान्वित किया। तीजस्विन ने कहा कि वह गोल्ड के लिए आए थे, लेकिन सिल्वर भी उनके लिए बड़ी उपलब्धि है। उनकी इस जीत ने भारतीय एथलेटिक्स में डेकाथलॉन को और लोकप्रिय बना दिया। क्या तीजस्विन अगली बार गोल्ड जीत पाएंगे?
प्रवीण चित्रवेल: ट्रिपल जंप में सिल्वर की चमक?
प्रवीण चित्रवेल ने पुरुषों के ट्रिपल जंप में 16.90 मीटर की छलांग के साथ सिल्वर मेडल जीता, जिसने भारत के मेडल टैली को और मजबूत किया। वह चीन के झू यामिंग (17.06 मीटर) से थोड़ा पीछे रहे, जबकि कोरिया के ग्यूमिन यू ने 16.82 मीटर के साथ ब्रॉन्ज जीता। डिफेंडिंग चैंपियन अब्दुल्ला अबूबैकर इस बार 16.72 मीटर के साथ चौथे स्थान पर रहे। प्रवीण की यह उपलब्धि इसलिए खास है, क्योंकि उन्होंने 2023 के एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था और अब सिल्वर तक पहुंचे।
प्रवीण ने अपने तीसरे राउंड में 16.90 मीटर की छलांग लगाई, जो उनका सर्वश्रेष्ठ प्रयास था। उनकी तकनीक और दृढ़ता ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। हालांकि, बारिश और तूफान ने ट्रिपल जंप इवेंट को प्रभावित किया, जिसके कारण पहले तीन राउंड के बाद ब्रेक लेना पड़ा। फिर भी, प्रवीण ने दबाव में शानदार प्रदर्शन किया। उनकी यह जीत भारत के फील्ड इवेंट्स में बढ़ते दबदबे को दिखाती है। क्या प्रवीण अगले इवेंट्स में गोल्ड जीत पाएंगे?
पूजा का 1500m में सिल्वर: महिलाओं का दबदबा?
महिलाओं ने एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारत का परचम लहराया, और पूजा ने 1500m रेस में सिल्वर मेडल जीतकर इसकी मिसाल पेश की। उन्होंने 4:10.83 सेकंड का समय निकाला, जो चीन की ली चुनहुई (4:10.58) से बस थोड़ा पीछे था। जापान की तोमाका किमुरा ने 4:11.56 सेकंड के साथ ब्रॉन्ज जीता। भारत की लिली दास भी इस रेस में चौथे स्थान पर रहीं, जिन्होंने 4:13.81 सेकंड का समय निकाला। पूजा की यह उपलब्धि भारत की मध्यम दूरी की दौड़ में बढ़ती ताकत को दर्शाती है।
पूजा ने रेस में शुरू से ही मजबूत स्थिति बनाए रखी और अंत तक कड़ा मुकाबला किया। उनकी यह जीत इसलिए भी खास थी, क्योंकि वह उसी दिन रूपल चौधरी के साथ भारत की मेडल टैली को बढ़ाने में सफल रहीं। भारतीय महिलाओं ने इस चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन किया, और पूजा की सिल्वर मेडल ने इसे और चमकदार बना दिया। क्या भारतीय महिलाएं अगले दिन और मेडल्स जीतेंगी?
गुलवीर सिंह: पहले दिन का गोल्डन हीरो?
एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 के पहले दिन गुलवीर सिंह ने पुरुषों की 10,000m रेस में गोल्ड मेडल जीतकर भारत को शानदार शुरुआत दिलाई। उनकी इस जीत ने भारतीय दल का मनोबल बढ़ाया और दूसरे दिन के लिए मंच तैयार किया। गुलवीर ने इस सीजन में 5000m और 10,000m में नेशनल रिकॉर्ड तोड़े हैं, जिससे वह भारत के सबसे होनहार लंबी दूरी के धावकों में से एक बन गए हैं। उनकी यह जीत भारत के मेडल टैली की नींव बनी।
गुलवीर की रणनीति थी कि वह शुरू से ही तेज गति बनाए रखें और अंत में अपनी पूरी ताकत लगाएं। उनकी यह रणनीति काम कर गई, और उन्होंने प्रतिद्वंद्वियों को पछाड़कर गोल्ड जीता। उनकी जीत ने भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक नया मानक स्थापित किया। पहले दिन सर्विन सेबेस्टियन ने 20km रेस वॉक में ब्रॉन्ज मेडल जीता, जिसने भारत के मेडल टैली को और मजबूत किया। क्या गुलवीर की यह जीत अन्य एथलीट्स को प्रेरित करेगी?
भारत का मेडल टैली: दिन 2 की उपलब्धियां?
एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 के दूसरे दिन भारत ने कुल छह मेडल्स जीते, जिससे उसका कुल टैली आठ मेडल्स तक पहुंच गया। इसमें 4x400m मिक्स्ड रिले में गोल्ड, तीजस्विन शंकर का डेकाथलॉन सिल्वर, प्रवीण चित्रवेल का ट्रिपल जंप सिल्वर, रूपल चौधरी का 400m सिल्वर, पूजा का 1500m सिल्वर, और यूनुस शाह का 1500m ब्रॉन्ज शामिल है। यह प्रदर्शन भारत के एथलेटिक्स में बढ़ते दबदबे को दिखाता है।
पहले दिन गुलवीर सिंह के 10,000m गोल्ड और सर्विन सेबेस्टियन के 20km रेस वॉक ब्रॉन्ज ने भारत को मजबूत शुरुआत दी थी। दूसरे दिन की उपलब्धियों ने भारत को मेडल टैली में मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। भारतीय एथलीट्स ने ट्रैक और फील्ड दोनों में शानदार प्रदर्शन किया, और महिलाओं ने खासतौर पर अपनी छाप छोड़ी। क्या भारत इस चैंपियनशिप में 25-30 मेडल्स के अपने लक्ष्य को हासिल कर पाएगा?
तीसरे दिन की उम्मीदें: अविनाश सैबल और अन्य सितारे?
एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 का तीसरा दिन भारत के लिए और रोमांचक होने वाला है। नेशनल रिकॉर्ड होल्डर अविनाश सैबल पुरुषों की 3000m स्टीपलचेज फाइनल में उतरेंगे, और उनसे गोल्ड की उम्मीद है। शैली और ऐंसी महिलाओं की लॉन्ग जंप फाइनल में मेडल की दावेदार हैं। समरदीप सिंह पुरुषों की शॉटपुट फाइनल में और सर्वेश कुशारे पुरुषों की हाई जंप फाइनल में भारत के लिए मेडल की उम्मीद जगाएंगे।
महिलाओं की 3000m स्टीपलचेज में पारुल चौधरी और अंकिता भी कड़ा मुकाबला करेंगी। ज्योति यर्राजी महिलाओं की 100m हर्डल्स फाइनल में मेडल की प्रबल दावेदार हैं। भारतीय एथलीट्स की यह मजबूत लाइनअप दिखाती है कि भारत इस चैंपियनशिप में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकता है। क्या अविनाश सैबल और अन्य एथलीट्स भारत के मेडल टैली को और बढ़ाएंगे?
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)?
1. भारत ने 4x400m मिक्स्ड रिले में कितना समय निकाला?
भारत ने 3:18.12 सेकंड के समय के साथ गोल्ड मेडल जीता।
2. भारतीय रिले टीम में कौन-कौन शामिल थे?
टीम में संतोष कुमार तमिलरासन, रूपल चौधरी, विशाल टीके, और सुभा वेंकटेशन शामिल थे।
3. रूपल चौधरी ने और कौन सा मेडल जीता?
रूपल ने महिलाओं की 400m व्यक्तिगत स्पर्धा में सिल्वर मेडल जीता।
4. भारत ने दूसरे दिन कितने मेडल्स जीते?
भारत ने दूसरे दिन छह मेडल्स जीते – एक गोल्ड, चार सिल्वर, और एक ब्रॉन्ज।
निष्कर्ष?
एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 में भारत ने 4x400m मिक्स्ड रिले में गोल्ड मेडल जीतकर अपनी ताकत दिखाई। रूपल चौधरी, संतोष कुमार, विशाल टीके, और सुभा वेंकटेशन की टीम ने चीन को हराकर खिताब डिफेंड किया। रूपल का 400m सिल्वर, तीजस्विन का डेकाथलॉन सिल्वर, और प्रवीण का ट्रिपल जंप सिल्वर ने भारत के मेडल टैली को और चमकाया। पहले दिन गुलवीर सिंह के गोल्ड और सर्विन के ब्रॉन्ज ने भारत को मजबूत शुरुआत दी। तीसरे दिन अविनाश सैबल और अन्य सितारों से और मेडल्स की उम्मीद है। क्या भारत 25-30 मेडल्स के अपने लक्ष्य को हासिल कर पाएगा? यह चैंपियनशिप भारतीय एथलेटिक्स के लिए एक नया अध्याय लिख रही है।