हेलो दोस्तों! क्या आपने सुना कि भारत ने पाकिस्तान में एक बड़ा सैन्य ऑपरेशन किया है? इसका नाम है ऑपरेशन सिंदूर, जो 7 मई 2025 को शुरू हुआ। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 21 आतंकी ठिकानों पर हमला किया। ये हमले 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थे, जिसमें 26 लोग मारे गए थे।
इस ऑपरेशन में भारत ने लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को निशाना बनाया। सबसे बड़ी खबर ये है कि इस हमले में हाफिज अब्दुल रऊफ नाम का आतंकी मारा गया, जो 2002 में अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या का आरोपी था। लेकिन ये कहानी यहीं खत्म नहीं होती। आइए, इसे और समझते हैं।
हाफिज अब्दुल रऊफ कौन था?
हाफिज अब्दुल रऊफ कोई छोटा-मोटा आतंकी नहीं था। वो कई बड़े आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था। 1999 में इंडियन एयरलाइंस के फ्लाइट IC-814 के अपहरण में उसका हाथ था। इसके अलावा, 2001 में भारतीय संसद पर हुए हमले में भी वो शामिल था। लेकिन उसे सबसे ज्यादा कुख्याति मिली 2002 में डैनियल पर्ल की हत्या से।
डैनियल पर्ल एक अमेरिकी पत्रकार थे, जो वॉल स्ट्रीट जर्नल के लिए काम करते थे। 2002 में कराची में उनका अपहरण हुआ और बाद में उनकी हत्या कर दी गई। हाफिज अब्दुल रऊफ इस हत्या का मुख्य आरोपी था। भारत का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर में उसे मारना एक बड़ी कामयाबी है।
ऑपरेशन सिंदूर में क्या हुआ?
ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना ने बहुत सावधानी से प्लान किया था। 7 मई की सुबह भारत ने 24 मिसाइलें दागीं, जो 25 मिनट में 9 आतंकी ठिकानों पर गिरीं। इन ठिकानों में लाहौर, सियालकोट, और बहावलपुर जैसे शहर शामिल थे। भारतीय सेना ने ड्रोन और मिसाइलों का इस्तेमाल किया, ताकि आम नागरिकों को नुकसान न हो।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि इस ऑपरेशन में करीब 100 आतंकी मारे गए। भारत का कहना है कि ये हमले आतंकी ढांचे को खत्म करने के लिए थे, न कि पाकिस्तान की सेना को निशाना बनाने के लिए। लेकिन पाकिस्तान ने दावा किया कि इन हमलों में 31 आम नागरिक मारे गए, जिनमें बच्चे भी शामिल थे।
पाकिस्तान का जवाब और बढ़ता तनाव
भारत के हमलों के बाद पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की। पाकिस्तान ने भारत के जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, और पंजाब में ड्रोन और मिसाइल हमले किए। इन हमलों की वजह से कई शहरों में ब्लैकआउट हो गया और हवाई सायरन बजे। भारत ने दावा किया कि उसने पाकिस्तान के ज्यादातर ड्रोन नष्ट कर दिए।
पाकिस्तान ने कहा कि वो भारत के हमलों का “कड़ा जवाब” देगा। उसने भारत पर मुरिदके में एक मस्जिद और स्कूल को निशाना बनाने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ, भारत ने कहा कि वो सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बना रहा है। दोनों देशों के बीच तनाव इतना बढ़ गया है कि लोग अब डर रहे हैं कि कहीं ये बड़े युद्ध में न बदल जाए।
डैनियल पर्ल की कहानी
डैनियल पर्ल की हत्या ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया था। वो वॉल स्ट्रीट जर्नल के साउथ एशिया ब्यूरो चीफ थे और 2002 में कराची में आतंकवाद पर खबरें कवर कर रहे थे। 23 जनवरी 2002 को उनका अपहरण हुआ। आतंकियों ने उन पर इजरायली जासूस होने का आरोप लगाया और उनकी हत्या कर दी। इस घटना ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को और तेज कर दिया।
हाफिज अब्दुल रऊफ का इस हत्या में शामिल होना इस ऑपरेशन को और अहम बनाता है। भारत का कहना है कि वो ऐसे आतंकियों को बख्शेगा नहीं, जो न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा हैं।
भारत-पाकिस्तान तनाव का इतिहास
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कोई नई बात नहीं है। दोनों देश 1947 में बंटवारे के बाद से चार युद्ध लड़ चुके हैं। कश्मीर हमेशा से इनके बीच विवाद का केंद्र रहा है। 2019 में बालाकोट हवाई हमले और 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक भी ऐसे ही जवाबी हमले थे।
ऑपरेशन सिंदूर को 1971 के युद्ध के बाद सबसे बड़ा हमला माना जा रहा है। दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं, इसलिए दुनिया इस तनाव को बहुत गंभीरता से देख रही है। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि अगर ये तनाव बढ़ा, तो हालात बहुत खतरनाक हो सकते हैं।
क्या होगा आगे?
अब सवाल ये है कि आगे क्या होगा? भारत ने साफ कर दिया है कि वो आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेगा। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि ये हमले “गैर-उत्तेजक” थे और सिर्फ आतंकी ठिकानों पर किए गए। लेकिन पाकिस्तान का कहना है कि वो चुप नहीं बैठेगा
दोनों देशों के बीच बातचीत की कोई संभावना अभी नजर नहीं आ रही। कुछ लोग मानते हैं कि चीन जैसे देश इस तनाव को कम करने में मदद कर सकते हैं, क्योंकि उसका पाकिस्तान पर बड़ा प्रभाव है। लेकिन अभी के लिए, दुनिया की नजर इस बात पर है कि ये तनाव कहाँ जाता है।
आपकी राय क्या है?
ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान तनाव ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है। कुछ लोग भारत की कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं, तो कुछ इसे खतरनाक बता रहे हैं। आप क्या सोचते हैं? क्या भारत को आतंकवाद के खिलाफ ऐसे कदम उठाने चाहिए? और क्या इस तनाव का कोई शांतिपूर्ण हल निकल सकता है?
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