पाकिस्तान स्टॉक मार्केट क्रैश: KSE-100 7000 अंक धड़ाम, ट्रेडिंग ठप, क्या अर्थव्यवस्था डूब रही है?

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सुनो ना, पाकिस्तान में ऐसा हंगामा मचा है कि सबके होश उड़ गए! पाकिस्तान स्टॉक मार्केट क्रैश की खबर ने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है। कराची स्टॉक एक्सचेंज (PSX) का KSE-100 इंडेक्स एक ही दिन में 7000 अंकों से ज़्यादा धड़ाम से गिर गया, और ट्रेडिंग तक रोकनी पड़ी। हमारे यहाँ जैसे लोग शेयर बाज़ार की खबरों पर नज़र रखते हैं, वैसे ही वहाँ निवेशक डर के मारे अपना पैसा निकाल रहे हैं। क्या ये सिर्फ एक दिन की तबाही है, या पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (Pakistan Economy Crisis) सचमुच गहरे संकट की तरफ बढ़ रही है? चलो, इस कहानी को शुरू से समझते हैं, जैसे दोस्तों के साथ गप्पें मारते हुए।


क्या हुआ? KSE-100 का रिकॉर्डतोड़ क्रैश

7 मई 2025 को कराची स्टॉक एक्सचेंज में हाहाकार मच गया। KSE-100 इंडेक्स सुबह होते ही 6,272 अंकों की गोता लगाकर 107,296.64 पर आ गया, जो पिछले दिन के 113,568.51 से करीब 6% की गिरावट थी। दोपहर तक इंडेक्स 7,000 अंकों से ज़्यादा गिर चुका था, और PSX को ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोकनी पड़ी। अब ज़रा सोचो, हमारे यहाँ अगर सेंसेक्स इतना गिरे, तो लोग क्या हाल करेंगे?

  • ट्रिगर क्या था?: इस क्रैश का सबसे बड़ा कारण भारत-पाक तनाव है। 22 अप्रैल को पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए, के बाद भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया। 7 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इससे निवेशकों में डर फैल गया।
  • पहले से हालत पतली: अप्रैल में ही KSE-100 6% गिर चुका था, जो अगस्त 2023 के बाद का सबसे बुरा महीना था। IMF ने पाकिस्तान की GDP ग्रोथ का अनुमान 3% से घटाकर 2.6% कर दिया, और ADB ने भी 2.5% का अनुमान लगाया।

हमारे मोहल्ले में लोग कह रहे हैं, “पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था तो पहले से ICU में थी, अब ये हमला आखिरी कील साबित हुआ!”


क्यों डर गए निवेशक? भारत का कड़ा रुख

पहलगाम हमले के बाद भारत ने न सिर्फ सैन्य कार्रवाई की, बल्कि कूटनीतिक और आर्थिक मोर्चे पर भी पाकिस्तान को घेरा। इन कदमों ने KSE-100 को और नीचे धकेल दिया।

  • इंडस वॉटर ट्रीटी सस्पेंड: भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जो पाकिस्तान की कृषि (24% GDP) के लिए ज़रूरी है। अगर भारत पानी का प्रवाह रोके, तो पाकिस्तान की खेती-बाड़ी चौपट हो सकती है।
  • ट्रेड और डिप्लोमेसी पर रोक: भारत ने SAARC वीजा छूट योजना, वाघा-अटारी बॉर्डर ट्रेड, और पाकिस्तानी दूतावास स्टाफ को कम कर दिया। 2024 में भारत से पाकिस्तान का आयात $304.93 मिलियन था, खासकर दवाइयाँ और केमिकल्स। अब ये बंद होने से आम पाकिस्तानी को दिक्कत होगी।
  • ऑपरेशन सिंदूर का डर: 7 मई के हमलों ने निवेशकों को डरा दिया। पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत LoC पर और सैन्य कार्रवाई कर सकता है।

हमारे यहाँ लोग कहते हैं, “जब दो हाथी लड़ते हैं, तो घास कुचल जाती है।” यहाँ घास की तरह पाकिस्तान का शेयर बाज़ार कुचला जा रहा है।


पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था: पहले से थी मुश्किल में

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही डगमगा रही थी, और ये क्रैश ने हालत और खराब कर दी। कुछ आँकड़े देखो:

  • महंगाई और कर्ज: मई 2023 में महंगाई 37.8% थी, और GDP ग्रोथ -0.6%। 2025 में GDP सिर्फ $348.72 बिलियन है, जो भारत के $4.2 ट्रिलियन का दसवाँ हिस्सा है। विदेशी मुद्रा भंडार $16.04 बिलियन हैं, जबकि भारत के पास $686.2 बिलियन।
  • IMF पर निर्भरता: पाकिस्तान $7 बिलियन के IMF बेलआउट पर टिका है, लेकिन टैक्स कलेक्शन 6% कम होने से अगली किश्त खतरे में है।
  • विदेशी निवेशक गायब: सितंबर 2024 में FTSE रसेल ने पाकिस्तान को फ्रंटियर मार्केट का दर्जा दिया, जिससे विदेशी निवेशक भागे। KSE में विदेशी हिस्सेदारी 2017 के 28.7% से घटकर 3.2% रह गई।

पाकिस्तान के एक दोस्त ने मुझे व्हाट्सएप पर बताया, “यहाँ राशन 35% महंगा हो गया, और लोग डर रहे हैं कि अब क्या होगा!”।


भारत का शेयर बाज़ार: रॉक सॉलिड!

जब पाकिस्तान का KSE-100 धड़ाम हो रहा था, भारत का सेंसेक्स और निफ्टी डटकर खड़े रहे। 7 मई को सेंसेक्स सुबह 692 अंक गिरा, लेकिन दोपहर तक 200 अंक ऊपर चढ़ गया।

  • क्यों नहीं डगा भारत?: भारत की मज़बूत अर्थव्यवस्था ($4.2 ट्रिलियन GDP) और विदेशी निवेशकों का भरोसा इसे सहारा दे रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के दिन भी सेंसेक्स हरे निशान में बंद हुआ।
  • क्या सीखें?: भारत का शेयर बाज़ार दिखाता है कि मज़बूत नीतियाँ और स्थिरता कितनी ज़रूरी हैं। हमारे यहाँ लोग कहते हैं, “अच्छे दिन आएँ या बुरे, सेंसेक्स तो संभल ही जाता है!”

अब आगे क्या? तबाही या रिकवरी?

पाकिस्तान का शेयर बाज़ार अभी गहरे संकट में है। विश्लेषकों का कहना है कि अगर भारत-पाक तनाव कम नहीं हुआ, तो और गिरावट आएगी। लेकिन कुछ उम्मीद भी है:

  • संभावित रिकवरी: अगर तनाव कम होता है और IMF की अगली किश्त मिलती है, तो KSE-100 स्थिर हो सकता है। 2024 में इंडेक्स 86% चढ़ा था, तो रिकवरी की गुंजाइश है।
  • चुनौतियाँ: राजनीतिक अस्थिरता (इमरान खान की गिरफ्तारी), महंगाई, और कर्ज़ का बोझ रिकवरी को मुश्किल बना रहे हैं।

हमारे यहाँ एक कहावत है, “जब तक साँस, तब तक आस।” लेकिन पाकिस्तान के लिए ये आस कितनी मज़बूत है, ये वक्त बताएगा।


अंत में: सबक और सवाल

पाकिस्तान स्टॉक मार्केट क्रैश ने दिखा दिया कि अर्थव्यवस्था कितनी नाज़ुक हो सकती है। भारत की मज़बूती और पाकिस्तान की कमज़ोरी इस कहानी का बड़ा सबक है। लेकिन सवाल ये है—क्या पाकिस्तान इस संकट से उबरेगा, या ये तबाही की शुरुआत है? और हम भारतवासी इससे क्या सीख सकते हैं?

तुम क्या सोचते हो? क्या KSE-100 फिर उठ खड़ा होगा, या पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था और डूबेगी? कमेंट्स में अपनी राय बताओ, और दोस्तों के साथ ये खबर शेयर करो। आखिर, ऐसी कहानियाँ हमें अर्थव्यवस्था और geopolitics के खेल को समझने में मदद करती हैं!

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