सुनो भाई, पाकिस्तान में तो हाहाकार मच गया! पाकिस्तान स्टॉक मार्केट क्रैश ने सबके होश उड़ा दिए। कराची स्टॉक एक्सचेंज (PSX) का KSE-100 इंडेक्स 7 मई 2025 को 7,000 अंकों से ज़्यादा धड़ाम से गिरा, और ट्रेडिंग तक ठप करनी पड़ी। लेकिन रुकिए, भारत भी इस तूफान से बचा नहीं। सेंसेक्स 692 अंक लुढ़का, और रुपया 84.70 तक फिसल गया। ये सब हुआ ऑपरेशन सिंदूर की वजह से, जिसने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। हमारे यहाँ लोग कह रहे हैं, “पाकिस्तान तो गया, लेकिन भारत को भी झटका लगा!” तो चलो, इस कहानी को शुरू से समझते हैं, जैसे ढाबे पर चाय के साथ गप्पें मार रहे हों।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत का करारा जवाब
बात शुरू होती है 22 अप्रैल 2025 से, जब पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में आतंकी हमले ने 26 लोगों की जान ले ली। भारत ने इसे बर्दाश्त नहीं किया। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर 24 मिसाइलें दागीं। सिर्फ 25 मिनट में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के कैंप धुआँ-धुआँ हो गए।
- क्या हुआ?: 100 से ज़्यादा आतंकी मारे गए। मुरिदके (लश्कर का गढ़) और बहावलपुर (जैश का अड्डा) जैसे ठिकाने तबाह। भारत ने साफ कहा, “हमने सिर्फ आतंकियों को निशाना बनाया, कोई सैन्य ठिकाना नहीं।”
- पाकिस्तान का जवाब: पाकिस्तान ने LoC पर गोलीबारी की, जिसमें 12 नागरिक और एक सैनिक मरे। उसने दावा किया कि भारत के हमलों में 31 लोग मरे, लेकिन कोई पक्का सबूत नहीं दिया।
मेरे एक दोस्त ने बताया, “पाकिस्तान में लोग डर के मारे घरों में दुबके हैं, और यहाँ लोग कह रहे हैं—मोदी जी ने गज़ब ढाया!”
पाकिस्तान का बाज़ार: भगदड़ और तबाही
पाकिस्तान स्टॉक मार्केट क्रैश की कहानी तो ऐसी है, जैसे कोई बुरा सपना। KSE-100 इंडेक्स 6,272 अंक (6%) गिरकर 107,296.64 पर आ गया। दोपहर तक 7,000 अंकों की गिरावट हुई, और PSX को 45 मिनट के लिए ट्रेडिंग रोकनी पड़ी
- क्यों गिरा?: ऑपरेशन सिंदूर ने निवेशकों में खौफ पैदा कर दिया। भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित कर दी, जिससे पाकिस्तान की खेती (24% GDP) खतरे में है। वाघा-अटारी ट्रेड बंद, SAARC वीजा छूट खत्म, और दूतावास स्टाफ कम होने से हालत पतली हो गई।
- पहले से संकट: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले ही ICU में थी। 2023 में महंगाई 37.8%, GDP ग्रोथ -0.6%, और विदेशी मुद्रा भंडार सिर्फ $16.04 बिलियन। IMF का $7 बिलियन बेलआउट भी डगमगा रहा है।
- निवेशक भागे: विदेशी निवेशक पहले ही KSE से पलायन कर चुके थे (हिस्सेदारी 28.7% से 3.2%)। अब लोकल निवेशक भी शेयर बेच रहे हैं।
पाकिस्तान के एक रिश्तेदार ने फोन पर कहा, “यहाँ रोटी 35% महंगी हो गई, और लोग डर रहे हैं कि अब क्या होगा!”
भारत का बाज़ार: झटका, फिर संभला
अब बात भारत की। ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेंसेक्स सुबह 692 अंक गिरा, और निफ्टी भी लुढ़का। रुपया 84.70 तक फिसल गया, जिससे निवेशकों की साँस अटक गई। लेकिन दोपहर तक बाज़ार संभल गया, और सेंसेक्स हरे निशान में बंद हुआ।
- क्यों गिरा?: भारत-पाक तनाव और ऑपरेशन सिंदूर ने शुरुआती अनिश्चितता पैदा की। विदेशी निवेशकों ने कुछ शेयर बेचे, और रुपये पर दबाव बढ़ा।
- क्यों संभला?: भारत की अर्थव्यवस्था ($4.2 ट्रिलियन GDP) और विदेशी मुद्रा भंडार ($686.2 बिलियन) मज़बूत हैं। FII ने 14 सत्रों में 43,940 करोड़ रुपये का निवेश किया। विशेषज्ञों का कहना है, “ये हमला बाज़ार में पहले से शामिल था।”
- रुपये की कमज़ोरी: रुपये की गिरावट ने आयात को महंगा किया, लेकिन निर्यातकों को फायदा हुआ।
हमारे यहाँ एक कहावत है, “बाज़ार गिरता है, तो फिर उठता भी है।” भारत ने ये साबित कर दिया!
दोनों देशों की अर्थव्यवस्था: आसमान-ज़मीन का फर्क
पाकिस्तान और भारत की अर्थव्यवस्था में ज़मीन-आसमान का फर्क है। जहाँ पाकिस्तान का KSE-100 डूब रहा है, भारत का सेंसेक्स डटा हुआ है।
- पाकिस्तान: GDP सिर्फ $348.72 बिलियन, महंगाई 37.8%, और कर्ज़ का बोझ। ऑपरेशन सिंदूर ने निवेशकों का भरोसा तोड़ दिया।
- भारत: GDP $4.2 ट्रिलियन, मज़बूत भंडार, और वैश्विक निवेशकों का भरोसा। तनाव के बावजूद बाज़ार स्थिर रहा।
- कूटनीतिक दबाव: भारत ने पाकिस्तान को SAARC, ट्रेड, और डिप्लोमेसी में अलग-थलग कर दिया। सऊदी अरब और UAE जैसे देशों ने भी पाकिस्तान का साथ नहीं दिया।
मेरे एक पड़ोसी ने कहा, “पाकिस्तान की हालत सांप-छछूंदर वाली हो गई—न उगले बन रहा, न निगले!”
आगे क्या? संकट या राहत?
पाकिस्तान के लिए रास्ता मुश्किल है। अगर भारत-पाक तनाव बढ़ा, तो KSE-100 और नीचे जाएगा। लेकिन कुछ उम्मीदें हैं:
- पाकिस्तान: IMF की अगली किश्त और तनाव में कमी से रिकवरी हो सकती है। 2024 में KSE-100 86% चढ़ा था, तो संभावना है। लेकिन राजनीतिक अस्थिरता (इमरान खान की गिरफ्तारी) और महंगाई रास्ते में रोड़ा हैं।
- भारत: सेंसेक्स और निफ्टी स्थिर रहेंगे, लेकिन रुपये पर नज़र रखनी होगी। विशेषज्ञों का कहना है, “अमेरिकी फेड की नीति और वैश्विक बाज़ार भी असर डालेंगे।”
हमारे यहाँ लोग कहते हैं, “जब तक साँस, तब तक आस।” लेकिन पाकिस्तान की साँस कितनी बाकी है, ये वक्त बताएगा।
अंत में: सबक और सवाल
पाकिस्तान स्टॉक मार्केट क्रैश और भारत की आर्थिक स्थिरता ने दिखा दिया कि मज़बूत नीतियाँ और एकता कितनी ज़रूरी हैं। ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को सबक तो सिखाया, लेकिन भारत को भी झटका लगा। सवाल ये है—क्या पाकिस्तान इस संकट से उबरेगा, या ये तबाही की शुरुआत है? और भारत कैसे इस तनाव को मैनेज करेगा?
तुम क्या सोचते हो? क्या KSE-100 फिर उठेगा, या पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डूब जाएगी? कमेंट्स में अपनी राय ज़रूर बताओ, और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करो। ऐसी कहानियाँ हमें अर्थव्यवस्था और geopolitics के खेल को समझने में मदद करती हैं