ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम हमले का बदला, भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को किया तबाह

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हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला दिया था। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की जान चली गई। इस दुखद घटना के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाया और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। भारतीय सेना ने न सिर्फ आतंकियों को सबक सिखाया, बल्कि दुनिया को बता दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलता है। आइए, इस ऑपरेशन की पूरी कहानी जानते हैं और समझते हैं कि यह भारत के लिए क्यों इतना खास है।

ऑपरेशन सिंदूर क्या है?

ऑपरेशन सिंदूर कैसे हुआ?

ऑपरेशन सिंदूर भारत की सेना द्वारा किया गया एक सैन्य अभियान है, जिसका मकसद पहलगाम हमले के जिम्मेदार आतंकियों और उनके ठिकानों को नष्ट करना था। 7 मई 2025 की सुबह 1:44 बजे, भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस दौरान पाकिस्तान के बहावलपुर, मुर्दिके, सियालकोट और PoK के मुजफ्फराबाद, कोटली जैसे इलाकों में जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को निशाना बनाया गया। रक्षा मंत्रालय ने साफ किया कि यह हमला “सटीक, संयमित और गैर-उत्तेजक” था, यानी पाकिस्तानी सेना के ठिकानों को छुआ तक नहीं गया।

इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ इसलिए रखा गया क्योंकि यह पहलगाम हमले में शहीद हुए लोगों, खासकर एक नौसेना अधिकारी की पत्नी के दुख को दर्शाता है। सिंदूर हिंदू परंपरा में सुहाग की निशानी है, और इस ऑपरेशन के जरिए भारत ने उन विधवाओं को न्याय दिलाने का वादा पूरा किया।

पहलगाम हमला: ऑपरेशन सिंदूर की वजह

पहलगाम हमला

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में आतंकियों ने एक भीषण हमला किया, जिसमें 26 लोग मारे गए। इनमें ज्यादातर पर्यटक थे, जो कश्मीर की खूबसूरती का लुत्फ उठाने आए थे। इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ नाम के संगठन ने ली, जिसके तार लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं। खुफिया जानकारी के मुताबिक, इस हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी। इस घटना ने पूरे देश में गुस्सा और दुख पैदा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि दोषियों को “धरती के किसी भी कोने में” छिपने नहीं दिया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर उसी वादे का नतीजा है।

ऑपरेशन सिंदूर कैसे हुआ?

ऑपरेशन सिंदूर कैसे हुआ?

ऑपरेशन सिंदूर को बेहद गोपनीय और सटीक तरीके से अंजाम दिया गया। भारतीय सेना ने खुफिया जानकारी के आधार पर 9 आतंकी ठिकानों को चुना, जिनमें से 4 पाकिस्तान में और 5 PoK में थे। इन ठिकानों में जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर मुख्यालय, लश्कर-ए-तैयबा का मुर्दिके ट्रेनिंग सेंटर और हिजबुल मुजाहिदीन के कई अड्डे शामिल थे।

– **तकनीक और हथियार**: भारत ने इस ऑपरेशन में प्रेसिजन म्यूनिशन्स और लॉइटरिंग ड्रोन्स का इस्तेमाल किया, जिससे सिर्फ आतंकी ठिकाने नष्ट हुए और आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
– **समय**: यह ऑपरेशन 25 मिनट में पूरा हुआ, सुबह 1:05 से 1:30 बजे के बीच।
– **गोपनीयता**: पाकिस्तानी सेlieutenant जनरल सतीश दुआ के मुताबिक, इस ऑपरेशन की जानकारी पाकिस्तान को तब तक नहीं मिली, जब तक हमले पूरे नहीं हो गए।

कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह ऑपरेशन नागरिकों को नुकसान से बचाने के लिए सावधानी से किया गया। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में धमाकों की लपटें और धुआं दिखाई दे रहा है, जो इस ऑपरेशन की ताकत को दर्शाता है।

ऑपरेशन का असर और दुनिया की प्रतिक्रिया

ऑपरेशन सिंदूर

ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकियों को बड़ा झटका दिया। खबरों के मुताबिक, इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के 10 परिवार वालों और 4 सहयोगियों समेत 70 से ज्यादा आतंकी मारे गए। पाकिस्तान में हड़कंप मच गया, और लाहौर में तीन धमाकों की खबरें आईं। कई हवाई अड्डों पर उड़ानें रद्द कर दी गईं।

दुनिया भर के नेताओं ने इस ऑपरेशन पर प्रतिक्रिया दी:
– **अमेरिका**: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “हमें अभी इसकी खबर मिली। उम्मीद है यह जल्द खत्म हो जाएगा।”
– **इजरायल**: राजदूत रूवेन अजार ने कहा, “आतंकियों को कोई छिपने की जगह नहीं मिलनी चाहिए।”
– **UAE**: विदेश मंत्री ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की।
– **चीन**: भारत और पाकिस्तान से बातचीत के जरिए तनाव कम करने को कहा।

भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब और रूस जैसे देशों को इस ऑपरेशन की जानकारी दी और साफ किया कि यह आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई है, न कि पाकिस्तानी सेना के खिलाफ।

नेताओं और जनता की प्रतिक्रिया

ऑपरेशन सिंदूर

भारत में इस ऑपरेशन को लेकर जबरदस्त उत्साह है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “भारत माता की जय!” उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा, “जय हिंद, जय हिंद की सेना!” कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सेना की तारीफ की और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सरकार को पूरा समर्थन है। AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “पाकिस्तान को ऐसा सबक सिखाना चाहिए कि फिर कभी पहलगाम जैसा हमला न हो।”

नागपुर में लोगों ने मशाल रैली निकाली, तो अमृतसर में प्रशासन ने ब्लैकआउट का आदेश दिया। सोशल मीडिया पर #OperationSindoor ट्रेंड कर रहा है, और क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग, सचिन तेंदुलकर जैसे सितारों ने भी सेना की तारीफ की।

ऑपरेशन सिंदूर बनाम बालाकोट: क्या है अंतर?

Balakot strikes

2019 में हुए बालाकोट हमले की तरह ऑपरेशन सिंदूर भी आतंकवाद के खिलाफ था, लेकिन इसका दायरा कहीं बड़ा था:
– **बालाकोट**: एक JeM कैंप को निशाना बनाया गया।
– **सिंदूर**: 9 ठिकानों पर हमला, जिसमें पाकिस्तान के पंजाब तक शामिल था।
– **रणनीति**: सिंदूर में स्टैंडऑफ हथियारों का इस्तेमाल हुआ, जिससे भारतीय हवाई क्षेत्र का उल्लंघन नहीं हुआ।
– **असर**: सिंदूर ने आतंकी संगठनों के नेतृत्व को सीधा निशाना बनाया।

भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति

PM Narendra Modi

ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति का प्रतीक है। रक्षा मंत्रालय ने कहा, “हम उन लोगों को जवाबदेह ठहराने की अपनी प्रतिबद्धता को पूरा कर रहे हैं, जिन्होंने पहलगाम हमले को अंजाम दिया।” विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है, और साजिद मीर जैसे आतंकी वहां खुलेआम घूमते हैं।

भारत ने यह भी साफ किया कि यह ऑपरेशन नागरिकों को नुकसान पहुंचाए बिना किया गया। पूरे देश में सिविल डिफेंस ड्रिल शुरू हो गई हैं, ताकि भविष्य में किसी भी खतरे से निपटा जा सके।

ऑपरेशन सिंदूर का भविष्य पर असर

Indian ARMY 2025

ऑपरेशन सिंदूर ने न सिर्फ आतंकियों को चेतावनी दी, बल्कि भारत की सैन्य ताकत को भी दुनिया के सामने ला दिया। यह ऑपरेशन भविष्य में आतंकवाद के खिलाफ और सख्त कदमों का संकेत देता है। साथ ही, यह भारत के लोगों में एकता और देशभक्ति की भावना को और मजबूत करता है।

अगर आप ऑपरेशन सिंदूर के बारे में और जानना चाहते हैं, तो [यहां क्लिक करें](#) और नवीनतम अपडेट्स पाएं। क्या आप भारतीय सेना के इस कदम से प्रभावित हैं? नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर शेयर करें!

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