अमेरिका ने खोली पाकिस्तान की पोल: आतंकवाद का समर्थन बंद करो, वरना भुगतो!

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सुनो भाई, पाकिस्तान की तो अब पूरी दुनिया में थू-थू हो रही है! पाकिस्तान आतंकवाद समर्थन की पोल अमेरिका ने खोल दी। 8 मई 2025 को अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने साफ-साफ कह दिया, “पाकिस्तान आतंकी संगठनों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद को पनाह देता है, ये बंद करो!” ये बात तब आई जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को धूल चटा दी। पाकिस्तान स्टॉक मार्केट क्रैश हो गया, KSE-100 7,000 अंक लुढ़का, और वहाँ हाहाकार मच गया। हमारे यहाँ लोग कह रहे हैं, “पाकिस्तान की नाक में दम कर दिया भारत ने, और अब अमेरिका ने भी लताड़ लगाई!” तो चलो, इस मसालेदार कहानी को शुरू से समझते हैं, जैसे चाय की टपरी पर गप्पें मार रहे हों।


ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने दिखाई ताकत

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में आतंकियों ने 26 लोगों को मार डाला, ज्यादातर टूरिस्ट थे। भारत ने इसे बर्दाश्त नहीं किया। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने 25 मिनट में पाकिस्तान और PoK के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के कैंप धुआँ-धुआँ, 100 से ज़्यादा आतंकी ढेर

  • क्या हुआ?: भारत ने मुरिदके (LeT का गढ़) और बहावलपुर (JeM का अड्डा) जैसे ठिकानों को निशाना बनाया, बिना पाकिस्तानी सेना को छूए। विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने कहा, “हमने आतंकी ढांचे को खत्म किया, ये जवाब था पहलगाम हमले का।”
  • पाकिस्तान की बौखलाहट: पाकिस्तान ने LoC पर गोलीबारी की, जिसमें 12 नागरिक मरे। उसने दावा किया कि भारत के हमलों में 31 लोग मरे, लेकिन कोई सबूत नहीं दिया। 7 मई को पाकिस्तान ने भारत के 15 सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल से हमला करने की कोशिश की, जिसे भारत ने नाकाम कर दिया।

मेरे दोस्त ने बताया, “2019 में बालाकोट स्ट्राइक के बाद भी पाकिस्तान ने ऐसी ही हाय-तौबा मचाई थी, लेकिन भारत ने फिर उसकी हेकड़ी निकाल दी!”


अमेरिका की लताड़: पाकिस्तान की पोल खुली

8 मई को अमेरिका ने पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई। प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा, “हम दशकों से कह रहे हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद को पनाह देता है। लश्कर और जैश जैसे संगठनों को रोकने के लिए कदम उठाएँ।” अमेरिका ने पहलगाम हमले की निंदा की और भारत के आतंकवाद-विरोधी रुख का समर्थन किया।

  • क्यों बोला अमेरिका?: भारत ने ऑपरेशन सिंदूर से आतंकी ठिकानों को तबाह किया, लेकिन पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई नहीं की। अमेरिका ने इसे आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान की नरमी माना।
  • दुनिया का रुख: UK, कनाडा, और रूस ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान छोड़ने को कहा। अमेरिकी दूतावास ने लाहौर और पंजाब में अपने कर्मचारियों को “शेल्टर-इन-प्लेस” करने को कहा। पाकिस्तान ने लाहौर एयरपोर्ट के आसपास इलाके खाली करवाए।
  • पाकिस्तान का जवाब: PM शहबाज़ शरीफ ने कहा, “भारत हमें बदनाम कर रहा है, हम आतंकवाद के खिलाफ हैं।” लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान की ISI और सेना LeT और JeM को अब भी सपोर्ट करती है।

मेरे पड़ोसी ने कहा, “पाकिस्तान की पोल तो 2008 मुंबई हमलों में ही खुल गई थी, अब अमेरिका ने भी दुनिया के सामने उसकी सच्चाई रख दी!”


पाकिस्तान स्टॉक मार्केट: धड़ाम से गिरी अर्थव्यवस्था

पाकिस्तान स्टॉक मार्केट क्रैश ने वहाँ की अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका दिया। KSE-100 इंडेक्स 6,272 अंक (6%) गिरकर 107,296.64 पर आ गया, और बाद में 7,000 अंकों से ज़्यादा की गिरावट हुई। ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए ठप हो गई।

  • क्यों हुआ क्रैश?: ऑपरेशन सिंदूर और भारत के कड़े कदम—सिंधु जल संधि निलंबन, वाघा-अटारी बॉर्डर बंद, और आयात बैन—ने निवेशकों में खौफ पैदा किया। अमेरिका की चेतावनी ने और डर बढ़ाया।
  • पहले से थी मुसीबत: पाकिस्तान की GDP सिर्फ $348.72 बिलियन, महंगाई 37.8%, और विदेशी मुद्रा भंडार $16.04 बिलियन। IMF का $7 बिलियन बेलआउट भी खतरे में है।
  • निवेशक भागे: विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी KSE में 28.7% से घटकर 3.2% रह गई। लोकल निवेशक भी शेयर बेचने को दौड़ पड़े।

पाकिस्तान के एक रिश्तेदार ने व्हाट्सएप पर लिखा, “यहाँ रोटी 35% महंगी हो गई, और लोग डर रहे हैं कि अब क्या होगा!”


भारत का बाज़ार: हिल गया, लेकिन डटा रहा

भारत को भी सेंसेक्स गिरावट का झटका लगा। 7 मई को सेंसेक्स सुबह 692 अंक लुढ़का, और रुपया 84.70 तक फिसल गया। लेकिन दोपहर तक सेंसेक्स हरे निशान में बंद हुआ।

  • क्यों हिला?: ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाक तनाव ने शुरुआती अनिश्चितता पैदा की। विदेशी निवेशकों ने कुछ शेयर बेचे, और रुपये पर दबाव बढ़ा।
  • क्यों संभला?: भारत की $4.2 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था और $686.2 बिलियन विदेशी मुद्रा भंडार मज़बूत हैं। FII ने 14 सत्रों में 43,940 करोड़ रुपये का निवेश किया।
  • रुपये का असर: रुपये की कमज़ोरी ने आयात को महंगा किया, लेकिन निर्यातकों को फायदा हुआ।

मेरे चाचा जी ने कहा, “हमारा सेंसेक्स तो जैसे पहलवान है, गिरता है, लेकिन फिर उठकर सबको पटखनी दे देता है!”


भारत-पाक तनाव: दुनिया की नज़रें

भारत-पाक तनाव ने दुनिया को हिलाकर रख दिया। भारत ने पाकिस्तान को आर्थिक और कूटनीतिक मोर्चे पर घेर लिया, और अमेरिका ने भारत का साथ दिया।

  • भारत के कदम: भारत ने पाकिस्तानी आयात ($304.93 मिलियन, 2024) बैन किया, वाघा बॉर्डर बंद किया, और SAARC वीजा छूट खत्म की। 786 पाकिस्तानी भारत से गए, और 1,465 भारतीय वापस आए।
  • पाकिस्तान की धमकी: पाकिस्तान ने सिमला समझौता तोड़ने और जंग की धमकी दी। उसने भारतीय विमानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद कर दिया।
  • दुनिया की चिंता: अमेरिका, चीन, और UAE ने शांति की अपील की। UN ने पहलगाम हमले की निंदा की और तनाव पर नज़र रखने की बात कही।

मेरे मोहल्ले में लोग कह रहे हैं, “पाकिस्तान की हालत सांप-छछूंदर वाली हो गई—न उगले बन रहा, न निगले!”


अब आगे क्या? तबाही या शांति?

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डूब रही है, और भारत मज़बूती से खड़ा है। लेकिन सवाल ये है—क्या होगा आगे?

  • पाकिस्तान: अगर तनाव कम हुआ और IMF की किश्त मिली, तो KSE-100 संभल सकता है। 2024 में इंडेक्स 86% चढ़ा था, तो गुंजाइश है। लेकिन इमरान खान की गिरफ्तारी और महंगाई रास्ते में रोड़ा हैं।
  • भारत: सेंसेक्स स्थिर रहेगा, लेकिन रुपये और वैश्विक बाज़ार पर नज़र रखनी होगी। विश्लेषक माइकल कुजलमैन कहते हैं, “भारत का आत्मविश्वास तनाव में भी कायम है।”
  • दुनिया की कोशिश: डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “मैं दोनों देशों की मदद कर सकता हूँ।” लेकिन दोनों देशों की ज़िद शांति की राह में मुश्किल है।

हमारे यहाँ कहते हैं, “जब तक साँस, तब तक आस।” लेकिन पाकिस्तान की साँस कितनी बाकी है, ये वक्त बताएगा।


अंत में: सबक और सवाल

पाकिस्तान आतंकवाद समर्थन और पाकिस्तान स्टॉक मार्केट क्रैश ने दिखा दिया कि आतंकवाद की राह कितनी खतरनाक है। अमेरिका की लताड़ और भारत की ताकत ने पाकिस्तान को चारों खाने चित कर दिया। लेकिन सवाल बाकी है—क्या पाकिस्तान सबक लेगा, या और गहरे संकट में डूबेगा? और भारत कैसे इस तनाव को मैनेज करेगा? तुम क्या सोचते हो? क्या KSE-100 फिर उठेगा, या पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था चौपट हो जाएगी? कमेंट्स में अपनी राय बताओ, और इस खबर को दोस्तों के साथ शेयर करो। ऐसी कहानियाँ हमें दुनिया के खेल को समझने में मदद करती हैं!

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